Indexed Page Checker Tool – जानिए आपकी वेबसाइट के कितने पेज गूगल में इंडेक्स हैं
SEO में सिर्फ कंटेंट लिखना और वेबसाइट डिजाइन करना ही काफी नहीं है।
आपकी मेहनत तभी रंग लाती है जब आपके पेज सर्च इंजनों में इंडेक्स (Index) हो जाएं।
Indexed Page Checker Tool एक ऐसा ऑनलाइन टूल है जो आपको बताता है कि आपकी वेबसाइट के कितने पेज गूगल या अन्य सर्च इंजनों में मौजूद हैं।
1. Indexed Page Checker Tool क्या है?
Indexed Page Checker Tool एक वेब SEO यूटिलिटी है जो किसी डोमेन या वेबसाइट URL को स्कैन करके यह बताती है कि कितने पेज सर्च इंजन (Google, Bing, Yahoo आदि) में इंडेक्स हैं।
यह जानकारी SEO हेल्थ चेक और वेबसाइट ऑडिट के लिए बहुत जरूरी होती है।
2. Indexed Page Checker Tool क्यों जरूरी है?
- SEO हेल्थ मॉनिटरिंग – आपकी वेबसाइट के कितने पेज रैंक करने लायक हैं, यह जानना।
- टेक्निकल SEO ऑडिट – कहीं पेज इंडेक्सिंग में समस्या तो नहीं।
- कंटेंट कवरेज चेक – आपकी बनाई सामग्री सर्च रिजल्ट में दिखाई दे रही है या नहीं।
- डुप्लिकेट कंटेंट और पेनल्टी से बचाव।
3. Indexed Page Checker Tool का इस्तेमाल कब करें?
- नई वेबसाइट लॉन्च करने के बाद।
- नई ब्लॉग पोस्ट या पेज पब्लिश करने के बाद।
- SEO ऑडिट और वेबसाइट हेल्थ चेक के दौरान।
- जब आपकी वेबसाइट का ट्रैफ़िक अचानक कम हो जाए।
4. Indexed Page Checker Tool का इस्तेमाल कैसे करें?
स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस
- किसी भरोसेमंद Indexed Page Checker Tool वेबसाइट खोलें (जैसे Small SEO Tools, Sitechecker, SEO Review Tools)।
- अपना डोमेन नाम (example.com) डालें।
- “Check” या “Find” बटन पर क्लिक करें।
- टूल आपको बताएगा कि आपके कितने पेज गूगल में इंडेक्स हैं।
- अगर इंडेक्स पेज कम हैं, तो SEO और सर्च कंसोल में जाकर सुधार करें।
5. Indexed Pages बढ़ाने के तरीके
- Google Search Console में साइटमैप सबमिट करें।
- डुप्लिकेट कंटेंट हटाएं।
- पेज लोडिंग स्पीड सुधारें।
- सही आंतरिक लिंकिंग (Internal Linking) करें।
- Robots.txt और Noindex टैग सही सेट करें।
6. उदाहरण
मान लीजिए आपके ब्लॉग में 500 पेज हैं, लेकिन Indexed Page Checker Tool से पता चलता है कि सिर्फ 350 पेज गूगल में इंडेक्स हैं।
इसका मतलब है कि 150 पेज सर्च रिजल्ट में नहीं दिख रहे और आपको उनकी SEO सेटिंग्स जांचनी होंगी।
7. सही Tool चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें
- रियल-टाइम डेटा सपोर्ट हो।
- Google API इंटीग्रेशन हो।
- फ्री और आसान इंटरफेस हो।
- लोकेशन और सर्च इंजन सेलेक्शन ऑप्शन हो।